
दसवीं मोहर्रम पर विशेष : यौमे आशूरा की अहमियत व फजीलत
यौमे आशूरा के दिन करे अल्लाह की खूब इबादत रमजान के बाद सबसे अफजल रोजे अल्लाह के महीना मुहर्रम के रोजे हजरत हुसैन रजी. ने हक की खातिर अपनी जान को अल्लाह की राह में नछावर कर दिया लेकिन बातिल के सामने सर नहीं झुकाया रियासत अली सिद्दीकी इस्लामी नुक्ते नजर से यौमे आशूरा की बड़ी फजीलत बयान की गई है। वैसे तो मुहर्रम-उल-हराम का … Continue reading दसवीं मोहर्रम पर विशेष : यौमे आशूरा की अहमियत व फजीलत