सीतापुर: आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में अल्लामा फ़ज़ले हक़ ख़ैराबादी के शहीदी दिवस पर उर्दू पत्रकारिता महोत्सव का आयोजन बज्मे उर्दू सीतापुर के तत्वाधान में 20 अगस्त को होटल अप्पल में किया जायेगा। अल्लमा फ़ज़ले हक़ खैराबादी खुद भी एक पत्रकार थे। वहीं नादिम सीतापुरी का नाम उर्दू पत्रकारिता के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाता है।
इस बात की जानकारी कार्यक्रम संयोजक खुश्तर रहमान खाँ ने दी है। उन्होने बताया कि उर्दू पत्रकारिता की शुरूआत सन 1810 में सीतापुर के शेख़ मोल्वी इकराम अली ने ‘‘उर्दू अख़बार‘‘ प्रकाशित कर की थी जोकि उस समय फोर्ट विलियम कालेज कल्कत्ता में शिक्षक थे। कहा जाता है कि उन्होने ही पुराना सीतापुर के मोहल्ला कोट में पहला उर्दू छापाखाना (उर्दू प्रिन्टिंग प्रेस) भी लगाया था।
उर्दू पत्रकारिता के दो सौ वर्ष पूरे होने पर यह कार्यक्रम शेख़ मोल्वी इकराम अली को समर्पित होगा और इसे बढ़वा देने को एतिहासिक बनाने के लिये अपने ज़माने के नामवर पत्रकार अल्लमा फ़ज़ले हक़ खैराबादी, रियाज़ खैराबादी और नादिम सीतापुरी को याद किया जायेगा।
इस कार्यक्रम में कहानीकार व आल इण्डिया रेडियो के उद्घोषक रहे प्रतुल जोशी, प्रोफेसर सिराज अजमली, प्रोफेसर उमैर मन्ज़र और लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार रिज़वान फ़ारूक़ी ने शिरकत के लिये अपनी मंजूरी दे दी है।
खुश्तर रहमान खाँ ने बताया कि इस अवसर पर गैर जनपद से आये मेहमानों द्वारा सीतापुर के पत्रकारिता इतिहास पर व्याख्यान दिया जायेगा जिससे हमारी नई नस्ल के लोग अपने बुजुर्गो के कारनामों से रूबरू हो सकेंगे। इस अवसर पर जनपद के अलग-अलग क्षेत्रों में जोखिम भरी व रचनात्मक पत्राकारिता के फ़र्ज़ को अन्जाम देने वाले लगभग पचास पत्रकारों को सम्मानित भी किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम को भव्यपूर्ण एतिहासिक बनाने के प्रयास लगातार जारी हैं। उत्तर प्रदेश शासन के सूचना विभाग से जारी होने वाले उर्दू मासिक पत्रिका नया दौर के पूर्व सम्पादक सुहेल वहीद के निर्देशन में कार्यक्रम को अन्तिम रूप् दिया जा रहा है।