हौसलों की उड़ान से आसमान में उड़ती खरड़ की जस्सी

पंजाब के छोटे से क़स्बे, खरड़ की साधारण सी लड़की जस्सी का एयरलाइन में कैप्टन बनने का सफर

दिल्ली: मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती हैं इन लाइनों को आपने अक्सर लोगों को कहते हुए सुना होगा लेकिन वास्तव में अपने वास्तविक जीवन में बहुत कम ही ऐसे लोग होते हैं जो अपने सपने को अपने हौसले से सच कर पाते हैं पंजाब की एक छोटे से क़स्बे, खरड़ की रहने वाली जसविंदर कौर जिन्हें उनके चाहने वाले जस्सी भी कह कर पुकारते हैं अपनी मेहनत और लगन से अपने सपने को साकार कर उन्होंने इन लाइनों को चरितार्थ किया है ।

जस्सी ने अपने बचपन में जो सपना देखा था उसे उन्होंने सच कर दिखाया यह सपना कोई मामूली सपना नहीं था। जस्सी के पिता जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं एक सरकारी क्लर्क थे ओर माता ग्रहणी हैं। एक मध्यम वर्गिय किसान परिवार में तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी बेटी के सपने पारिवारिक पृष्ठभूमि से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते थे। इन सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ-साथ आर्थिक सपोर्ट की भी उतनी ही जरूरत थी। जस्सी के सपने को पूरा करने के लिए उनके माता-पिता ने उनका पूरा साथ दिया और जस्सी ने अपने सपने को सच कर दिखाया ।

जस्सी बताती हैं जब वह बचपन में छोटी थी और शाम को बिजली नहीं होती थी तो सब घर की छत पर सोते थे तब वह आसमान में जहाज की जलती हुई लाइटों को देखा करती थी और उनके मन में भी हवाई जहाज की लाइटों को जलते देख वो सोचती थी – हवाई जहाज कैसे उड़ता है और इसे कौन उड़ता है? उनके मन में भी हवाई जहाज को उड़ाने की इच्छा ने जन्म ले लिया वो भी हवाई जाहज़ को उड़ाना चाहती थी और आसमान में उड़ना चाहती थी ।

जस्सी के अंदर आसमान में उड़ने की इतनी चाहत थी कि उन्होंने अपना यह जीवन लक्ष्य अपने स्कूल की हर नोटबुक के पहले पन्ने पर “मैं आसमान में उड़ना चाहती हूं” लिख रखा था ।

जस्सी अपने खूबसूरत से सपने को मन में रख अपनी इंटर की शिक्षा चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल से प्राप्त की उसके बाद उन्होंने हरियाणा के नागरिक उड्डयन संस्थान (HICA) पिंजौर में दाखिला लिया. जिसके बाद उन्होंने एचआईसीए पिंजौर करनाल और उत्तरी भारत फ्लाइंग क्लब एनआईएससी पटियाला से उड़ान के घंटे पूरे किए और डीजीसीए की सैद्धांतिक परीक्षा उत्तीर्ण की और अपना सीपीएल वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस प्राप्त किया ।

जस्सी अपनी ट्रेनिंग के अनुभव साझा करते हुए बताती है पिंजौर फ्लाइंग क्लब उनके घर से ५० किमी दूर था और प्रतिदिन यह सफ़र पूरा करने के लिए तीन बसों को बदलना पड़ता था।जिस समय में लड़कियों का घर से बाहर निकलना सही नहीं माना जाता था उन्हें घर में कैद कर के रखा जाता था उस दौर में जस्सी कई बसो को बदल कर रोजाना फ्लाइंग क्लाब ट्रेनिंग के लिए जाना हो या फिर अपने परीक्षाओं को देने दूसरे राज्यों के बड़े शहरों में जाना हो जस्सी ने अपना सफर अकेले अपनी हिम्मत और हौसले से तय किया ।

पहली बार विमान में बैठने और हवा में उड़ने की अनुभूति आज भी जस्सी के मन को प्रफुल्लित कर देती है। शुरुआती ट्रेनिंग २ सीटों वाले भारत में बने पुष्पक (Pushpak MK 1) विमान में हुई कुछ दिनों बाद जब मुख्य उड़ान प्रशिक्षक के सेवानिवृत्त होने के बाद पिंजौर फ्लाइंग क्लब बंद हो गया तो जस्सी को हरियाणा नागरिक उड्डयन संस्थान के एक सिस्टर क्लब करनाल फ्लाइंग क्लब तक लगभग 150 किमी की यात्रा करनी पड़ती थी, अंत में अपने जूनून और मेहनत से जस्सी के पास उनका वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस था। मल्टी इंजन विमान की ट्रेनिंग के लिए जस्सी ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न भी गयी। दिल्ली से मेल्बर्न का वो सफ़र भी एक यादगार पल था क्यूँकि पहली बार जस्सी एक बड़े नागरिक परिवहन विमान में बैठी थी, भले ही एक यात्री के तरह पर वो यह जान चुकी थी के यात्री से विमानचालक की सीट का सफ़र अब दूर नहीं था ।

2006 में जस्सी पायलट के रूप में अपनी पहली कमर्शियल उड़ान एयर डेक्कन के एटीआर पर सह-पायलट के रूप में बेंगलुरु से भरी और अपने कैरियर की शुरुआत की ।

उसके बाद जस्सी आसमान में उड़ने लगी और किंगफिशर एयरलाइंस में ए320 एयर बस को सह पायलट के रूप में उड़ाया ! उसी दौरान 2011 में एयर बस ए320 की कैप्टन बन गई इसी के साथ उन्हें अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भरने का मौका मिला. फिर किंगफिशर के बंद होने के बाद कुछ समय गो एयरलाइंस के साथ रही और वर्तमान में एयर एशिया इंडिया में कप्तान के रूप में कार्यरत हैं ।

आत्मनिर्भर भारत की आत्मनिर्भर बेटी जस्सी

जसविंदर कौर जस्सी कहती हैं वो हमेशा से फाइनेंशियल इंडिपेंडेंट बनाना चाहती थी जिससे उन्हें जीवन में कभी भी आर्थिक रूप से किसी और पे निर्भर न होना पडे़ ।

जिस पृष्ठभूमि से आते हुए उन्होंने अपने सपने को पूरा किया है और वह आज एक आत्मनिर्भर भारत की आत्मनिर्भर बेटी बन चुकी है और आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर हैं जो उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो ऐसा कोई सपना देखती है जिसे अपनी परिस्थितियों को देख कर समझौता कर पूरा नहीं कर पाती है ।

पायलट के साथ सोशल मीडिया सेलिब्रिटी जस्सी

जस्सी एक विमानिक कप्तान के साथ ही एक सोशल मीडिया सेलिब्रिटी भी है जस्सी के इंस्टाग्राम एकाउंट @pilotjassigr8 पर जस्सी के हजारों की संख्या में चाहने वाले फैन्स हैं जो जस्सी को फॉलो करते हैं ।

जस्सी अपने इंस्टाग्राम पर कुछ न कुछ एंटरटेनिंग पोस्ट करती रहती हैं, जिससे उनके अन्दर एक पायलट होने के साथ एक खुशमिजाज और जिन्दादिली चुलबुली जस्सी दिखती है ।

दुनिया घूमना चाहती है जस्सी

जस्सी की हवाई जहाज उड़ाने की चाहत अब उनका प्रोफेशन बन चुकी है। जस्सी को इसके अलावा घूमने फिरने का बहुत ही ज्यादा शौक है उन्हें सोलो ट्रैवलिंग करना और यूरोप के देशों में घूमना बहुत पसंद है ।

जस्सी पूरी दुनिया घूमना चाहती हैं । अब तक वो २० देशों के १०० से शहरों में भ्रमण कर चुकी हैं ।

खाना बनाने और खाने का शौक

खाने और खिलाने का शौक़ रखते हुए जस्सी जब भी कही नई जगहों पर बाहर जाती है तो वह पर वहां के महशहूर पकवानों को जरूर खाती है और यात्रा से घर वापस आती है तो वह नए-नए पकवानों को घर पर भी बनाने की कोशिश करती हैं।

फिर अपने परिवार व प्रियजनो के साथ उन पकवानों का लुफ्त उठाती ।

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