नैमिषारण्य (सीतापुर): “अवधी ने केवल देश ही नही बल्कि पूरी दुनिया मे अपने समृद्धशाली साहित्य और मिठास का जादू बिखेरा है , संत शिरोमणि तुलसीदास ने तो मानस के माध्यम से प्रभु राम को जन जन के राम बना दिया, उनके दिवस को अवधी दिवस के रूप मे मनाया जाना हर अवधी सेवी की जिम्मेदारी है ” उक्त उदगार नैमिष के प्रख्यात संत , परिक्रमा समिति के प्रमुख और बनगढ आश्रम के महत संतोष दास ने श्री ललिता आश्रम मे अवध भारती संस्थान द्वारा आयोजित तुलसी जयंती पर आयोजित अवधी दिवस समारोह मे अवधी साहित्य सेवियों को सम्मानित करते हुए व्यक्त किये l
इस अवसर पर शतधिक अवधी सेवको को उनकी सेवाओ के लिए सम्मानित किया गया, जिनमे डॉक्टर राकेश पाण्डेय, डॉ विनय दास, ड्रा ज्ञान वती दीक्षित, रमेश मंगल बाजपेयी, इंद्र शेखर सिंह , रमेश बाजपेयी , प्रदीप तिवारी , हिमांशु श्रीवास्तव, नूतन वसिष्ठ, अरुणेश मिश्र, आध्या प्रताप सिंह प्रदीप और डॉक्टर अर्जुन पाण्डेय प्रमुख है इस अवसर पर अवधी मे समग्र योगदान के लिए निर्मल भानू सेवा समिति बिसवां और श्री बूढ़े बाबा आश्रम डेंगरा द्वारा डॉक्टर राम बहादुर मिश्र , तुलसी पीठ महामंत्री साकेत मिश्र, डॉक्टर सुधाकर तिवारी, रविन्द्र तिवारी गुरु जी को सम्मानित किया गया l
समारोह मे प्रदीप तिवारी की , “अंतर्जाल मा नौनिहाल”, विष्णु कुमार शर्मा की पुस्तक” सफल जीवन के सूत्र “और अर्जुन पाण्डेय की पुस्तक ” जब जागो तबे सबेरा “का लोकार्पण भी किया गया, हर बरस तुलसी जयंती को अवधी दिवस के रूप मे मनाये जाने के संकल्प के साथ ही इस आयोजन मे कथारंग लखनऊ की अध्यक्ष और आकाशवाणी की पूर्व निदेशक् डॉक्टर नूतन वसिष्ठ और रेडियो टीवी उद्घोषिका अनुपमा द्वारा मुंशी प्रेमचंद की कहानी ” आत्माराम “की आकर्षक प्रस्तुति की गई, आयोजन मे लोक रंग फाउंडेशन की प्रमुख और अंतर्राष्ट्रीय लोक गायिका कुसुम वर्मा कल्चर दीदी के सावन कजरी , देवी गीत और बेटी पर आधारित गीतों ने अदभुत समा बांध दिया l आयोजन मे अवधी चैनल ” अवधी बानी “की अवधी समाचार सेवा का भी शुभारम्भ किया गया l
इस मौके पर अयोध्याधाम के संत सर्वेश्वरनंद जी महाराज , काली पीठाधीश गोपाल शास्त्री , ललिता देवी मंदिर के प्रधान पुजारी अटल शास्त्री , ललिता पीठाधीस लाल बिहारी शास्त्री , उदासीन अखाड़े के महंत् के अलावा बाल व्यास श्री आशुतोष शास्त्री जी महाराज , तुलसी पीठ महामंत्री साकेत मिश्र , पूर्व प्रमुख देवी शंकर बाजपेयी , शिक्षाविद उमाकांत पाण्डेय , हरीश शुक्ल और डाइट लखीमपुर के प्राचार्य जे पी मिश्र के अलावा बड़ी संख्या मे साहित्य प्रेमी उपस्तिथ रहे l