अपनी अधूरी ख्वाहिश पूरी करने के लिए सपने बुनने में जुटी है दिव्यांग क्रिकेटरों की टीम
सुलतानपुर। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से होने वाला कोई मुकाबला नही हारना चाहता बात चाहे भारत-पाक के बीच क्रिकेट की हो या चाहे टीवी पर होने वाली डिबेट हो। एक शादी में हिस्सा लेने सुलतानपुर आये वाराणसी जिले के मूल निवासी अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेटर गोपाल यादव से हुई बातचीत दौरान यह साफ झलका। गोपाल की भी ख्वाहिश है कि पाकिस्तान की दिव्यांग क्रिकेटरों की टीम से इंडिया की दिव्यांग टीम से मुकाबला हो और बतौर दिव्यांग क्रिकेटर वे पाकिस्तान टीम को हरा सके। हलाकि उनकी व उनके साथियों की इस ख्वाहिश पर दो बार ग्रहण लग चुका है। इधर बीच जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई जाने के बाद से भारत एवं पाकिस्तान के रिश्तों में आई खटास के चलते अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेटर गोपाल यादव व उनकी टीम की हसरत एक बार फिर अधूरी रह गई। पाक के खिलाफ छक्के जड़ने को बेताब गोपाल का चयन वर्ष 2017 में पाकिस्तान में आयोजित दिव्यांग टी- 20 मैच खेलने जा रही इंडिया टीम में हुआ था। चयन बाद हरियाणा में कैम्प कर चुकी क्रिकेट टीम के सभी सदस्यों को किट भी बाट दी गई थी। लेकिन उसी दौरान शांति के दुश्मन आंतकी हाफिज सईद के गुर्गों ने स्टेडियम के समीप विस्फोट कर दिया इसका नतीजा यह हुआ कि भारत,पाक के बीच होने वाला टी-20 मैच निरस्त कर दिया गया। सितंबर 2019 में एक बार फिर पाकिस्तान की सरजमीं पर दिव्यांग क्रिकेटरों का मैच का कराए जाने का आयोजकों द्वारा ताना-बाना बुना ही जा रहा था, आयोजन की तैयारियां जोरों से चल ही रही थी कि जम्मू कश्मीर से 370 हटने के मुद्दे को लेकर भारत,पाक रिश्तों में आई गर्माहट एवं पाक की नापाक नियत के चलते आयोजन ठंडे बस्ते में चला गया। दिव्यांग क्रिकेटर गोपाल यादव निराश जरूर हैं लेकिन उनकी उम्मीदें जवां है। उन्हें भरोसा है कि एक न एक दिन वे और उनकी टीम द्वारा पाकिस्तान की सरजमीं पर ही पाकिस्तानी टीम को पटकनी देने की चाहत जरूर पूरी होगी।
रिपोर्ट – संतोष कुमार यादव