निरीक्षण के दौरान अनियमितता मिलने पर एसएचओ को लगाई फटकार
टीचर की भूमिका में भी नजर आईं एडीजी
महिला उत्पीड़न को लेकर केस दर्ज करने में नजरिया बदलने की दी सलाह
रिपोर्ट- रियासत अली सिद्दीकी, रामकोट
रामकोट/सीतापुर। सूबे के पुलिस विभाग की ओर से सीतापुर जिले में दो दिवसीय दौरे पर आयीं एडीजी सह नोडल पुलिस अधिकारी रेणुका मिश्र ने अपने औचक निरीक्षण के क्रम में बुधवार की शाम शहरी सीमा पर स्थित रामकोट थाने का औचक निरिक्षण किया।
उत्पीड़न की शिकार महिलाओं से क्यों पूछा जाता है कि क्या पिटाई पहली बार हुई या दूसरी बार : एडीजी
इस दौरान थाना परिसर में पहुंचने के बाद सबसे पहले उन्होंने महिला डेस्क का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पूछा कि महिला डेस्क की यहां क्या स्थिति है? यहां कौन बैठता है? यहां पहुंचने वाली फरियादी महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है? उन्होंने एक शिक्षिका की भूमिका अख्तियार करते हुए महिला हेल्प डेस्क पर तैनात महिला पुलिस कर्मियों को निर्देशित किया कि जब कोई महिला फरियादी अपनी फरियाद लेकर थाने पर पहुंचती है, तो सबसे पहले उसे शीतल जल पिलाया जाए। कुर्सी देकर बैठाया जाए। इसके बाद शांत माहौल बनाते हुए उसकी पूरी बात ध्यान पूर्वक सुननी है। अगर महिला अपने परिवार वालों अथवा अपने पति के विरुद्ध केस दर्ज करना चाहती है, तो निश्चित रूप से उसकी केस दर्ज किया जाएगा। क्योंकि काफी कुछ झेलने के बाद ही कोई महिला अपनी फरियाद लेकर थाने पहुंचती है। उससे यह कभी नहीं पूछा जाना चाहिए कि उसकी पिटाई या उसका उत्पीड़न पहली बार हुआ है या दूसरी बार हुआ है। क्योंकि पुरुष के मामले में पुलिस कभी नहीं पूछती है कि उसकी पिटाई पहली बार हुआ है या दूसरी बार हुआ है। ऐसे मामलों में पुरुषों के खिलाफ पुलिस हमेशा धारा 323 व 504 आदि अन्य संबंधित धाराओ में बिना कुछ पूछे केस दर्ज कर लेती है। तो फिर महिलाओं की फरियाद के मामले में ऐसा क्यों पूछा जाता है अथवा महिला के पति और परिवार वालों से परामर्श लिया जाता है कि केस दर्ज करें या नहीं करें। उनका किसी भी स्थिति में आप सभी शादी को टूटने से बचाने के लिए केस दर्ज करने से बचना नहीं हैं। इसलिए अगर महिला केस दर्ज करना चाहती है, तो उसका केस जरुर दर्ज किया जाए। अपनी तरफ से किसी भी तरह का फरियादी महिला के विरुद्ध दबाव नहीं बनाएंगे। उन्होंने पुलिस व महिला पुलिस सहित सभी को अपना महिलाओं के द्वारा केस दर्ज कराए जाने के मामले में नजरिया बदलने की सलाह दी।
पेंडिंग कम्प्यूटर डाटा फीडिंग से एसएचओ पर नाराज हुईं : एडीजी
इसी क्रम में एडीजी रेणुका मिश्रा ने थाने में स्थित कंप्यूटर कक्ष का भी निरिक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले पूछा कि थाने में कौन सा इंटरनेट कनेक्शन लगा है? और किस तरह से संचालित होता है ? उन्होंने डाटा फीडिंग के मामले में पेंडिंग डाटा फिडिंग को लेकर एसएचओ उमाकांत दीपक को फटकार लगाई। इसी दौरान उन्होंने बंदी गृह, शौचालय, पेयजल और बिजली व्यवस्था निरिक्षण किया।
और यह कोई बच्चों का खिलौना नहीं गन है : रेणुका मिश्रा
वहीं मालखाना व शस्त्रागार का निरीक्षण करने के दौरान एडीजी उस वक्त आश्चर्यचकित रह गईं, जब उन्होंने पाया कि मालखाना के अंदर एक गन रखा हुआ मिला। जिसपर कोई भी लिखा पढ़ी में इंट्री नहीं दिखाई दी। उन्होंने विभागीय नियमावली का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि मालखाने के अंदर जो कुछ भी सामान आता है अथवा यहां से जाता है। उसकी लिखा-पढ़ी जीडी में की जाती है। लेकिन इसमें जो गन रखा हुआ है इसके ऊपर कोई भी लिखा पढ़ी संबंधित पर्ची नहीं लगी हुई है।
आप कब से यहां थानेदार हैं : एडीजी
इस पर सख्ती से नाराजगी जताते हुए एडीजी ने कहा कि आप यहां कब से कब से थानेदार हैं? इस पर एसएचओ उमाकांत दीपक ने कहा कि फरवरी 2019 से यहां तैनात हूं। एडीजी ने इस पर कहा कि आप फरवरी 2019 से यहां तैनात हैं और आपने कभी मालखाना को खोलकर एक बार भी यह जानने की कोशिश नहीं किया कि इसमें क्या रखा है? और कैसे रखा है? इससे यह प्रतीत होता है कि इसमें जो गन रखा हुआ है वह यह मानकर चल रहे हैं की आप यहां जितने मौजूद हैं कल के डेट में यह गान आपकी, आपकी या फिर आपकी हो जाएगी।
इस पर मौजूद वरीय पुलिस अधिकारियों ने भी बचाव करते हुए कहा कि मैडम यह एयर गन है। इसका लाइसेंस तो नहीं होता है। एडीजी ने कहा कि भले ही यह एयर गन है। लेकिन यह खिलौना तो नहीं है, यह तो बंदूक है। इसके अंदर आया कैसे? आगे से उन्होंने जीडी संबंधी नियमावली का सभी को सख्ती से पालन करने की हिदायत भी दी।
एडीजी ने पूछा : क्राइम नंबर कितना चल रहा है
इसी क्रम में एडीजी ने रामकोट थाने के कार्यालय का भी निरीक्षण किया। कार्यालय में पहुंचते ही एडीजी ने पूछा क्राइम नंबर कितना चल रहा है। तैनात पुलिसकर्मी द्वारा बताया गया कि मैडम 523 चल रहा है। इस पर उन्होंने यह भी पूछा कि यह जिले का है या थाने का।
महिला हेल्प लाइन की ट्रेनिंग किसने ली है? इस सवाल पर काफी देर तक बगले छांकते नजर आए मौजूद सभी
उन्होंने यह भी पूछा कि महिला हेल्पलाइन की ट्रेनिंग किसको मिली है। इसके बाद मौजूद सभी महिला पुलिसकर्मी के अलावा वरीय पुलिस अधिकारी एक-दूसरे का मुंह देखते रह गए। सब एक दूसरे से पूछ रहे थे कि आखिर महिला पुलिस हेल्पलाइन की ट्रेनिंग कब हुई और इसमें कौन सी महिला पुलिसकर्मी शामिल हुई थी। मौके पर मौजूद आधा दर्जन से अधिक महिला पुलिसकर्मियों ने भी कहा कि हमने इसकी ट्रेनिंग नहीं ली है। काफी देर बाद बताया गया कि प्रीति यादव महिला पुलिसकर्मी ने इसकी ट्रेनिंग की है। लेकिन वह मौके पर मौजूद नहीं है।
आप कैसे थानेदार हैं कि थाने में क्या चल रहा है, इसकी जानकारी आपको नहीं रहती है? : एडीजी
थानाध्यक्ष कार्यालय कक्ष में दस्तावेजों का निरीक्षण करते हुए एडीजी ने कई बिंदुओं पर थानाध्यक्ष से जानकारी मांगी। इस दौरान पूछे गए सवालों का कई बार जवाब देने में वह असमर्थ दिखे। इस दौरान उन्होंने पूछा कि रात्रि गश्त की ड्यूटी आज कहां और किसकी लगी है? जिसे वरीय पुलिस अधिकारियों द्वारा बताया गया। इस पर एडीजी ने कहा कि आप कैसे थानेदार हैं कि थाने में क्या चल रहा है, इसकी जानकारी आपको नहीं रहती है जबकि वरीय अधिकारीगणों को सब कुछ पता है।
बैरक के दरवाजों की जाली तो ब्रिटिश के जमाने से लगी हुई प्रतीत हो रही है : एडीजी
निरीक्षण के क्रम में एडीजी ने आरक्षी बैरक और मेस के किचेन का भी निरीक्षण किया। इस दौरान वह इस बात को लेकर रामकोट एसएचओ पर नाराज हो गयीं कि बैरक के दरवाजों और जाली उसमें जो लगे हैं वह जाली जर्जर हालत में हो गई है। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि दरवाजों में लगीं कटी-फटीं जाली को देख करके ऐसा लग रहा है कि यह ब्रिटिश के जमाने से लगा हुआ है। आपको इसके मरम्मति पर ध्यान देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कहिए तो हम अपने खर्चे से धनराशि मुहैया करा दें। इस पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि एसएचओ महोदय आप इसकी मरम्मती का बजट बनाइए और हमारे पास भेजिए इसके बाद आपको धनराशि मुहैया कराई जाएगी और सब कुछ ठीक-ठाक करा दीजिए।
नोडल पुलिस अधिकारी ने अपराध नियंत्रण व पुलिसिंग के भी दिए टिप्स :
एडीजी ने अपने निरीक्षण के दौरान प्रभारी निरीक्षक के कक्ष में पहुंचकर क्राइम संबंधी वारदातों की स्थितियों से रूबरू हुई। इस दौरान उन्होंने अपराध नियंत्रण के लिए आवश्यक निर्देश देते हुए पुलिसिंग के जरूरी टिप्स भी दिए।
व्यापार मंडल संगठन के पदाधिकारियों के शिष्टमंडल से भी पुलिसिंग का लिया फीडबैक :
इसी दौरान वह स्थानीय आदर्श व्यपार मंडल के पदाधिकारियों से भी मुखातिब होकर पुलिस द्वारा क्षेत्र में की जा रही पुलिसिंग को लेकर फीडबैक लिया। इसपर स्थानीय व्यापारियों के शिष्टमंडल ने पुलिसिंग के प्रति अपनी संतुष्टि जताई।
मीडिया से भी मुखातिब हुईं एडीजी सह नोडल पुलिस पदाधिकारी :
इसी क्रम में वह मीडिया से ही मुखातिब हुई। उन्होंने बताया कि नोडल अधिकारी को औचक निरीक्षण के लिए ही भेजा जाता है। मुझे भी दो दिन के लिए सीतापुर जनपद के लिए नोडल अधिकारी के रूप में भेजा गया है। इसका उद्देश्य अपराध नियंत्रण के अलावा विशेष रूप से महिला व बाल अपराध पर नियंत्रण करने सहित पुलिसिंग व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से भेजा गया है।
यह तो मुझे भी नहीं मालूम क्यों बनायी गई नोडल अधिकारी, बड़े अधिकारियों के निर्देश पर भेजी गई हूं : रेणुका मिश्रा
पत्रकारों द्वारा यह सवाल करने पर कि नोडल अधिकारी की तैनाती किस परिस्थिति में की गई है। उन्होंने कहा कि यह मुझे भी नहीं मालूम है। हमारे बड़े अधिकारियों का निर्देश है इसलिए मैं यहां आई हूं। संतुलित असंतुष्टि की रिपोर्ट अपने अधिकरियों को सौंपूंगी। जरूरी आवश्यक निर्देश भी अपने अधिकारियों को दूंगी।
नयी ग्रामीण कोतवाली निर्माण कार्य प्रगति की ओर अग्रसर : एल. आर. कुमार
पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि रामकोट थाना क्षेत्र का भौगोलिक क्षेत्रफल कुछ इस तरह है कि कचनार चौकी का क्षेत्र का फरियादी रामकोट थाना पहुंचने के लिए शहर कोतवाली का इलाका पार करके रामकोट थाने पहुंचता है। इसी प्रकार कांशीराम कॉलोनी शहर कोतवाली सीमा से नजदीक है। ऐसे में नयी परिसीमन कर ग्रामीण कोतवाली बनाने के लिए कई बार लोगों की मांग की गई। इससे संबंधित प्रस्ताव भी शासन व विभाग को भेजा गया। इसमें अभी क्या हो रहा है? इस पर उन्होंने पुलिस अधीक्षक को आगे करते हुए जवाब देने के लिए खड़ा किया। पुलिस अधीक्षक एलआर कुमार ने इस पर बताया कि ग्रामीण कोतवाली बनाने का कार्य प्रगति पर है। दो-तीन महीनों में नयी ग्रामीण कोतवाली बन जाने के बाद लोगों की समस्या भी खत्म हो जाएगी और अपराध नियंत्रण के प्रति पुलिस और पब्लिक के बीच काफी निकटता आएगी।
एडीजी के निरीक्षण में यह भी पुलिस अधिकारी रहे मौजूद :
इस औचक निरीक्षण के दौरान एडीजी सह नोडल अधिकारी रेणुका मिश्रा के साथ पुलिस अधीक्षक एलआर कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक मधुबन कुमार सिंह, सीओ सिटी योगेंद्र सिंह, पीआरओ अवधेश कुमार यादव, रामकोट एसएचओ उमाकांत दीपक आदि के अलावा कई उप निरीक्षक व अन्य पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे।